माँ तेरी गोद में लेट जाऊं
भूल गया हूँ उस सुख को
शायद नींद की तलाश में
तेरी गोद में सो जाऊं चैन से
नींद पूरी हो जाये मेरी
एक बार मौका मिले तो
रातों को तुझसे बहुत सारी बातें करूँगा
तेरे संग और वक्त ज़्यादा बिताऊं
तेरी देख - भाल और सेवा
जिसमें शायद कुछ कमी रह गयी थी
उसको पूरी करूँगा, माँ .
बाबा तुझसे मिलूं तो माफ़ी मांग लूँगा
उन तानो के लिए जो तुमने मेरे लिए सुने
आज मैं सुधर गया , कुछ बन गया हूँ बाबा
बस तेरा मुझपे विश्वास था
जब सब हाथ धो बैठे थे
एक तुम ही थे जो अड़े रहे अटल बने
कोई माने या ना माने
तू नहीं तो मैं आज कुछ भी नहीं
एक बार फिर मौका मिले
तो UPSC की तैयारी भी और करूँगा
अखबार में इस बार तुम मेरा नाम देखोगे
मुस्कुराओगे और कहोगे सबसे ,
मैं ना कहता था एक दिन मेरा बेटा कुछ बनेगा
बस इतना तेरे मुँह से सुनना चाहता हूँ एक बार
बहनों से कहूंगा कि
चलो एक बार हम कहीं साथ घूमने जाएँ
रक्षा बंधन और भाई दूज के त्यौहार से आगे
एक अपनी खुशियों की दुनियां बसाएं
एक बार मौका मिले
तो कोशिश करूँगा की
वक्त घर में तुम संग बिताऊँ
घर घर , स्टापू और चोर पुलिस
तुम्हारे संग ही खेलूं
पत्नी जी से कहूंगा कि चलो
फिर एक बार शादी कर लेते हैं
और इस बार छुट्टी भी लूँगा और honeymoon bhi जायेंगे
तुमसे पूछूंगा ख्वाइशें तुम्हारी
एक दूजे को कुछ और पल दे देते हैं
ज़िन्दगी की भाग दौड़ में
जो कल ना दे सके इक दूजे को हम
बीवी जी , एक मौका फिर मिले
तोह शायद शादी इतनी जल्दी ना करूंगा
तुमसंग घूमूँगा फिरूंगा निडर होके
मेरे दफ्तर के बॉस से भी नहीं
कभी आराम से अच्छी जगह बैठके खाएंगे हम
इस बार हर वक्त की तरह जल्द -बाज़ी ना मचाऊंगा
कुछ तोहफे , कुछ फूल भी दूंगा तुम्हे प्रिये
स्कूल के टीचरों से
और कॉलेज के प्रोफेसरों से बोलूंगा
इस बार आपकी क्लास में हर रोज़ आऊंगा
जो बोलोगे सुनूंगा , जो कहोगे करूँगा
मार पीट से इस निकम्मे को काबिल बनाया आपने
एक बार तो शुक्रिया अदा ज़रूर करूँगा
एक बार फिर मौका मिले
तो स्कूल फुटबॉल में गोलकीपिंग छोड़
फॉरवर्ड बन के टीम में खेलूंगा
कॉलेज के मैचों में
कुछ गोल और दाग दूंगा
जो खिताब ना जीत सका तब , अबकी बार जीत जाऊंगा
देखते देखते बहुत दोस्त बिखर गए हैं
कुछ शहरों के फासले थे
कुछ आपस की थी अनबन
ढूंढ के उन दोस्तों को फिर एक बार
दोस्त बनाऊंगा , दोस्ती निभऊंगा
कभी ने बिछड़ने की कसम खाऊंगा
दोस्तों को और वक्त दूंगा ,
दो कश, दो जाम भी थाम लूँगा उन संग
एक बार फिर मौका तो मिले , सब कर डालूंगा
घड़ी उलटी फिर ना घूमेगी शायद
जो बीत गया पल ,
अच्छा था , बुरा था
जैसा था वैसा ही रहेगा
बहुत कुछ कर सकता था
गलतियों को सुधार सकता था
रूठों को मना सकता था
बिछड़ों को मिला सकता था
नाराज़गी को दूर कर सकता था
जीत और ख़ुशी पा सकता था
जीवन को अपने और अपनों के लिए
और सुधार सकता था
पर यह अब ना हो पायेगा
चलो जैसा था , उसको छोड़ो
बचे हुए दिन , बचे हुए साथी
सबको साथ ले चलूँ आज से
खुश रहूँगा , खुशियां बाटूंगा
अपनों के लिए और अपने आस पास के लोगों के लिए
क्योंकि फिर एक बार यह दिन ना आएंगे
फिर एक बार यह मौका ना आएगा
चलो जी लें ज़रा , हंस लें ज़रा
अपने लिए , अपनों के लिए , औरों के लिए
फिर एक बार ये दिन ना लौटेंगे अभी
बस आज ही आज है, कल हो ना हो.
SS
True in all Sense 😊🙂
ReplyDeleteBeautiful ode to all the people in our lives! Thank you SS.
ReplyDeleteKal ho na ho
ReplyDeleteDifferent flavour. Brilliant.
ReplyDeleteSahi sens 👌🥰
ReplyDeleteWonderful
ReplyDeleteSo moving Shibu. I treated up at the end of the first pata and read all the way down in a haze of emotions. Regrets, or lives are full of them. Reparations are all a dream. 'If only' is so underrated. 'I would' so overrated. I don't think anyone has ever touched me me with a few simple lines, easy words as you have. Poetic eloquence is emotions packed into those little ordinary everyday words and you have shown us how. Bless you
ReplyDeleteJai Ho! Sibesh Bhai.
ReplyDeleteIf tomorrow never comes… loved this piece Sibesh, never late to start appreciating and making the most of the moments around us.
ReplyDeleteAlso some thoughts can be best expressed in our beloved Hindi language.
Love this song by Ronan Keating -
So tell that someone that you love
Just what you're thinking of
If tomorrow never comes
While driving, the rear and side view mirrors are as important as the windscreen in a car. The years, months, days and moments we are forced to leave behind as the clock ticks away are full of terrific memories which we need to revisit off and on. With our acquired 'wisdiom', we hope we could have done certain things differently. But I believe, our actions were correct for that age and for that time. Your mastery over the national language impressed me. Liked!!
ReplyDeleteअति सुंदर सिबेश! - पीयूष अग्रवाल ‘अज्ञानीजी’
ReplyDeleteHi Sibesh, so very simple, not following any verse metre or giving rhyming effect but very touching and emotional. This wish list will find echo in every person who lives from the heart. Brilliant.
ReplyDeleteBeautiful verses. Feels like a glimpse of your life. Everyone will have a bunch of those. Very relatable.
ReplyDelete